इन विट्रो फर्टीलाइज़ेशन (In Vitro Fertilization in Hindi) एक ऐसा शब्द है जिसे काफी लोगों ने सुना हैं। हालाँकि लोग आई वी एफ टेक्निक (IVF Technique in Hindi) शब्द से परिचित है, परंतु काफी लोग यह नहीं जानते कि आख़िरकार आईवीएफ का अर्थ (IVF Means in Hindi) क्या है?
मेडिकवर फर्टिलिटी
आई वी एफ एक (IVF Meaning in Hindi) प्रजनन उपचार यानि फर्टिलिटी ट्रीटमेंट है जो कि उन लोगों के लिए बना हैं जो बच्चा पैदा करने में असमर्थ होते है। इस प्रक्रिया से बाँझ दम्पत्तियों का उपचार किया जाता हैं। आई वी एफ के द्वारा काफी निःसंतान दम्पत्तियों को अपनी संतान होने का सुख मिला है।।
गर्भधारण प्रक्रिया में क्या होता है - इस प्रक्रिया में स्त्री के अंडे (एग) और पुरुष के शुक्राणु (स्पर्म) की आवश्यकता होती है। यह दोनों मिलकर शिशु उत्पादन की शुरूआती स्थिति का निर्माण करते हैं जिसे भ्रूण (एम्ब्र्यो) कहा जाता है। यदि स्त्री के अंडे, पुरुष के शुक्राणु या दोनों में ही कोई परेशानी होती है तो यह बाँझपन माना जाता है। साथ ही गर्भधारण नहीं हो पाता है। जिसका तात्पर्य है कि महिला साथी प्राकृतिक रूप से गर्भवती नहीं हो सकती। यह वो स्थिति है जब बाँझपन के इलाज की आवश्यकता होती है और आई वी एफ तब सामने आता है।
जब कोई विवाहित दंपत्ति पिछले 6 महीनों से लगातार असुरक्षित यौन क्रिया करने के बाद भी गर्भधारण करने में असफल होता है तो स्त्री के अंडे या पुरुष के शुक्राणु में कोई समस्या हो सकती है। यदि दोनों में ही कुछ दिक्कतें हो तो इस समस्या को युगल इनफर्टिलिटी (Couple Infertility) कहा जाता है। कई ऐसी स्थिति भी सामाने आई है, जिसमें युगल काफ़ी साल की कोशिशों के बाद प्राकृतिक रूप से गर्भधारण करने में सफल रहें लेकिन यह एक दुलर्भ स्थिति है।
आई वी एफ क्या है (What is IVF in Hindi) - इसमें स्त्री के अंडे और पुरुष शुक्राणु को शरीर के बाहर फर्टीलाइज़ किया जाता है। 'इन-विट्रो' दर्शाता है 'इन-ग्लास' जिसका अर्थ है ग्लास के अंदर। फर्टीलाइज़ेशन प्रक्रिया लैब के अंदर एक ग्लास पेट्री डिश में की जाती है। इस भ्रूण को महिला के गर्भाशय में प्रत्यारोपित किया जाता है ताकि वह बड़ा हो और शिशु का अकार ले।
इस प्रक्रिया में महिला और पुरुष की जाँच की जाती हैं, उसके बाद परिणाम के अनुसार प्रक्रिया को आगे बढ़ाते हैं।
आई वी एफ (IVF in Hindi) गर्भावस्था सामान्य प्रेग्नन्सी की तरह ही होती है सिर्फ इसमें भ्रूण को लैब में तैयार किया जाता है, जिससे कोई नुकसान (साइड इफ़ेक्ट) नहीं होता। कई लोगों का मनाना हैं कि IVF Treatment से बच्चे के अंदर कोई कमी रह सकती है। यह सोच सही नहीं है क्योंकि प्रजनन से लेकर शिशु जन्म तक की पूरी प्रक्रिया प्राकृतिक रूप से ही होती है। शिशु का विकास माँ की कोख में होता है, माँ के आहार और प्रतिक्रियाओं पर बच्चे का विकास निर्भर करता है।
कई फर्टिलिटी परेशानियों के लिए अलग-अलग प्रकार के इलाज मौजूद है। कई बार परेशानी शुक्राणुओं की कमी, शुक्राणुओं की गति, शुक्राणुओं के आकार, सीमेन में शुक्राणुओं की उपस्थिति ना होना, खराब गुणवत्ता वाले शुक्राणु, खराब गुणवत्ता वाले अंडे या ओवुलेशन में परेशानी की वजह से भी होती है।
आई वी एफ प्रक्रियाओं के उपचार नीचे श्रेणीबद्ध हैं। मगर यह जानना ज़रूरी है कि फर्टिलिटी उपचारों को व्यक्तिगत रूप से प्रबंधित किया जाता है ना की सामान्य श्रेणी में।
एक तकनीक है जहाँ पुरुष शुक्राणु को स्त्री के गर्भाशय में ओवुलेशन के दौरान डाला जाता है। इस तकनीक का प्रयोग पुरुष के शुक्राणुओं में किसी भी प्रकार की कमी होने पर किया जाता है। इस प्रक्रिया में सीमेन को लैब में साफ़ करने के बाद एक स्वस्थ शुक्राणु चुना जाता है जिसे महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। अगर पुरुष शुक्राणु की गुणवत्ता अच्छी हो तो यह प्रक्रिया सफल होती है।
पुरुष के सीमेन में से एक स्वस्थ शुक्राणु को चुना जाता है और फिर उसे महिला के अंडे में इंजेक्ट किया जाता है। यह प्रक्रिया ऐसे मामलों में इस्तेमाल की जाती है जहाँ पुरुष शुक्राणु की गतिशीलता कम हो। स्वस्थ स्त्री के अंडे के लिए ICSI की सफलता 70-85% है। शुक्राणु को अंडे में इंजेक्ट करने के बाद वह प्राकृतिक रूप से फर्टिलाइज़ हो जाता है। इसके बाद भ्रूण को महिला के गर्भशय में प्रत्यारोपित किया जाता है।
अगर दंपत्ति के शुक्राणु या अंडों की गुणवत्ता ख़राब हो तो ऐसे में डोनर एग या स्पर्म और डोनर एम्ब्र्यो का प्रयोग किया जाता है। डोनर IVF की उन मामलो में सलाह दी जाती है जिनमें साथी को आनुवांशिक रूप से कोई रोग हो। महिलाओं में ओवेरियन रिज़र्व फेलियर हो तब डोनर एग की ज़रूरत होती है।
जो महिला गर्भाश्य में दिक्कत या किसी और कठिनाई के कारण शिशु पैदा नहीं कर सकती तो उनके लिए सरोगेसी एक अच्छा विकल्प है। सरोगेसी एक अनुबंध है जिसमें सरोगेट माँ शिशु के जन्म तक उसे अपनी कोख में रखती है और जन्म के बाद माता-पिता को सौंप देती है। इसमें भ्रूण को लैब के अंदर फर्टिलाइज़्ड किया जाता है और सरोगेट मदर के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है। शिशु का सरोगेट माता के साथ कोई आनुवंशिक सम्बन्ध नहीं होता है। ऐसी कई वजह है जिनमें दंपत्ति सरोगेसी को चुनते हैं जिसमें कैंसर का उपचार भी एक है य फिर जिन महिलाओं में गर्भाशय ना हो या प्रजनन प्रणाली में कोई समस्या हो।
यह एक समस्या है जो काफी पुरुषों में पाई जाती है। पुरुष फर्टिलिटी उपचार, शुक्राणुओं की कमी होने पर, शुक्राणुओं की गति, शुक्राणुओं के आकार, सीमेन में खराब गुणवत्ता वाले शुक्राणु या वीर्यपात करने में अक्षमता इन सब के लिए मददगार है। आई वी एफ में केवल एक स्वस्थ शुक्राणु की आवश्यकता होती है जो कि अंडे को निषेचित कर सकें।
काफी महिलाओं में ओव्यूलेशन की समस्या होती है जिसकी वजह से वह अनियमित पीरियड्स, बहुत दर्दनाक पीरियड्स, पीरियड्स में अत्यंत रक्त बहना, या फिर पीरियड्स ना आना, ऐसी कठिनाइयों का सामना करती हैं। यह सब उनकी प्रजनन शक्ति को प्रभावित करती हैं। फैलोपियन ट्यूब में ब्लॉकेज या गर्भाशय में समस्या बाँझपन के सामान्य कारणों में से है। आई वी एफ प्रक्रिया में अधिक अंडों के विकास के लिए अंडाशय में इंजेक्शन लगाए जाते है।
आई वी एफ से उन दम्पत्तियों को आशा मिली है जो गर्भधारण नहीं कर पा रहे हैं। कुछ दम्पत्तियों को मामूली परेशानियों के कारण गर्भधारण करने में दिक्कत होती है जबकि कुछ को बड़ी दिक्कतों के कारणों की वजह से इस समस्या से जूझना पड़ता है। आई वी एफ के ज़रिये उन सभी दम्पातिओं का औलाद का सुख मिल सकता है।
अपने भविष्य को बनाने के लिए मैंने थोड़ी देर से शादी का फ़ैसला लिया जिसमें मेरे माता-पिता ने संयोग दिया। 32 साल की उम्र में मुझे अपनी पसंद का वर मिला जिनकी उम्र 34 साल थी। लगभग शादी के 1 साल के बाद जब मैंने माँ बनने का सोचा, निरंतर प्रयास के बाद भी गर्भ नहीं ठहरने के कारण मैंने कई जगह जाँच करवाएं। नतीजा मुझे हर बार निराश लौटना पड़ा। एक दिन रेडियो सुनते समय मुझे मेडीकवर फर्टिलिटी क्लिनिक के बारे में पता चला और अगले दिन मैंने वहाँ जाने का फ़ैसला लिया।
डॉक्टर ने हमारी पूरी बात ध्यानपूर्वक सुनी और आई वी एफ कराने की सलाह दी। मेरे घबराने पर उन्होंने मुझे पूरा ट्रीटमेंट समझाया और मेरे हर सवाल का धैर्य से जवाब दिया।
आई वी एफ के ज़रिए मुझे मेरी संतान का सुख मिल पाया है। मैं मेडीकवर फर्टिलिटी की बहुत आभारी हूँ कि उन्होंने मेरी निराशा को आशा में बदल दिया।
मेडीकवर फर्टिलिटी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिकों में से है। साथ ही यहाँ आधुनिक उपकरणों से जाँच की प्रक्रिया की जाती है। मेडीकवर फर्टिलिटी ने आई वी एफ के कई सफल ट्रीटमेंट किए हैं जिनसे कई लोगों को माता-पिता बनने का सुख प्राप्त हुआ है। यहाँ के डॉक्टर सभी तरह के ट्रीटमेंट करने के लिए पूर्ण रूप से सक्षम हैं। साथ ही मेडीकवर फर्टिलिटी में आपकी जानकारी पूर्ण रूप से गुप्त रखी जाती है। यदि आपको इस विषय से सबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस नंबर पर +917862800700 संपर्क कर सकते है।
गर्भपात का जोखिम सामान्य गर्भावस्था और आई वी एफ दोनों में ही बराबर है। असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक आनुवांशिक असामान्यताओं के जोखिम को किसी प्रकार से घटाती या बढ़ाती नहीं है।
सफल आई वी एफ प्रक्रिया के लिए दवा और उपचार ठीक उसी समय लेना आवश्यक है जो चिकित्सक ने निर्धारित किया है।
2 से 3 दिनों तक सफर ना करना उचित है। अगर मरीज दूसरे शहर से है और घर वापिस लौटना चाहता है तो घर पहुँचने के बाद आराम अनिवार्य है।
आमूमन अंडे की पुनःप्राप्ति में ज़्यादा समय नहीं लगता है। इस प्रक्रिया में लगभग 20-30 मिनट लगते हैं।
एक आई वी एफ साइकिल पूरी होने में 4 से 6 सप्ताह लगते हैं।
प्रथम साइकिल के लिए सफलता दर 30% है। 3 आई वी एफ साइकिल के लिए सफलता दर 70% है।