आईसीएसआई क्या है? (What is ICSI in Hindi) ज़्यादातर लोगों को इसके बारे में जानकारी नहीं है। यह निःसंतान दम्पत्तियों के लिए उपचार है जिसकी मदद से उन्हें औलाद का सुख मिल सकता है। माता-पिता के लिए औलाद का सुख अपने जीवन में जन्नत से कम नहीं होता है लेकिन, दुनिया में कई ऐसे भी जोड़े है जो माता-पिता के सुख से आज भी वंचित हैं। दिल में आशा के कई भाव लिए ना जाने कितने ट्रीटमेंट करवाएं होंगे परंतु कभी क्या आपने आई सी एस आई ट्रीटमेंट का सहारा लिया है?
पीसीओएस (PCOS in Hindi) महिलाओं में होने वाली बीमारी है जो हॉर्मोन परिवर्तन के कारण होती है इस बीमारी में महिला के शरीर में पुरुष हॉर्मोन की मात्रा बढ़ने लगती है। जिस कारण से महिला की ओवरी में सिस्ट बन जाते है।
निम्नलिखित पीसीओएस के लक्षण (PCOS Ke Lakshan) है
पीसीओडी का उपचार (PCOS Treatment in Hindi) इसके लक्षणों को कम व खत्म करने के उद्देश्य से किया जाता है।
पीसीओएस के कारण महिलाओं में बांझपन बहुत आम है। स्वाभाविक रूप से फर्टिलिटी को बढ़ाने के लिए जीवन शैली में बदलाव करने की सलाह दी जाती है।
पीसीओएस की समस्या के बावजूद भी अगर महिला गर्भवती होना चाहती हैं, तो उन्हें एक फर्टिलिटी डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वह शुरूआती टेस्ट के आधार पर, मरीज को समय पर संभोग या अंतर्गर्भाशयी गर्भाधान यानि इंट्रायूटेरिन इनसेमिनेशन (IUI) के साथ ओव्यूलेशन इंडक्शन मेडिसिन शुरू करने की सलाह दे सकते हैं।
इन उपचार विकल्प के लिए महत्वपूर्ण है कि फैलोपियन ट्यूब खुले हो और शुक्राणु की संख्या सामान्य होनी चाहिए।
आई यू आई - इस प्रक्रिया में शुक्राणु को लैब में साफ़ करने के बाद ओव्यूलेशन के समय महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।
यदि कुछ प्रयासों के बाद संभोग या IUI के बाद भी किसी कारण से गर्भधारण नहीं होता है, तो डॉक्टर इन विट्रो फर्टिलाइज़ेशन (IVF) की सलाह दे सकते हैं। इसमें फैलोपियन ट्यूब ब्लॉकेज होने के बावजूद भी गर्भधारण किया जा है।
आई वी एफ - इस प्रक्रिया में अंडे को शुक्राणु के साथ लैब में निषेचित किया जाता है और निषेचन की प्रक्रिया के बाद जो भ्रूण बनता है उसे महिला के गर्भाशय में ट्रांसफर किया जाता है।