लेप्रोस्कोपी (Laparoscopy in Hindi) का उपयोग बांझपन का निदान और इलाज करने के लिए किया जाता है। साथ ही बांझपन की समस्या में लेप्रोस्कोपी की मदद से गर्भधारण होने की संभावना को बढ़ाया जा सकता है।
लेप्रोस्कोपी एक सर्जिकल प्रक्रिया है (Laparoscopy Meaning in Hindi) जिसमें डॉक्टर एक लेप्रोस्कोप और विशेष सर्जिकल उपकरणों को पेट में छोटा सा चीरा लगाकर अंदर डालते है।
इस सर्जरी को लेप्रोस्कोप या दूरबीन के द्वारा किया जाता है। लेप्रोस्कोप लाइट और कैमरे के साथ जुडी एक पतली फाइबर-ऑप्टिक ट्यूब होती है। यह आपके डॉक्टर को पेट के अंगों को देखने और समस्या का इलाज करने में मदद करती है।
यदि किसी महिला को बांझपन की समस्या के साथ-साथ पेल्विक दर्द हो रहा है तो ऐसे में लेप्रोस्कोपी की सलाह दी जा सकती है।
बांझपन के कारण का निदान करने के लिए लेप्रोस्कोपिक सर्जरी (Laparoscopic Surgery Meaning in Hindi) का सुझाव दिया जाता है। आमतौर पर, यह केवल अन्य बांझपन के टेस्ट पुरे होने के बाद किया जाता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी कब की जाती है?
निम्नलिखित कारणों से डॉक्टर लेप्रोस्कोपी की सलाह दे सकते हैं:
बांझपन के कुछ कारणों का निदान केवल लेप्रोस्कोपी के माध्यम से किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपी टेस्ट (Laparoscopy Test in Hindi) आपके डॉक्टर को ना केवल यह देखने की अनुमति देता है कि आपके पेट के अंदर क्या है, बल्कि सिस्ट और अल्सर का पता लगाने में सहायक है।
इसके अलावा, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी बांझपन के कुछ कारणों का इलाज कर सकती है, जिससे आपको स्वाभाविक रूप से या आई यू आई, आई वी एफ, आई सी एस आई जैसी असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक के साथ लेप्रोस्कोपी के बाद गर्भवती (Laparoscopy Ke Bad Pregnancy in Hindi) होने का बेहतर मौका मिल सकता है।
लेप्रोस्कोपिक सर्जरी का उपयोग महिला बांझपन के कुछ कारणों के निदान और उपचार के लिए किया जा सकता है। उनमें से कुछ है-
सर्जरी के लिए आपको अस्पताल में भर्ती किया जा सकता है। लेप्रोस्कोपी प्रक्रिया (Laparoscopy Process in Hindi) के दौरान मरीज़ को एनेस्थीसिया की मदद से बेहोश किया जाता है। किसी भी व्यक्ति को एनेस्थीसिया इसलिए दिया जाता है, ताकि उसे इस पूरी प्रक्रिया के दौरान किसी तरह का दर्द महसूस ना हो।
एनेस्थीसिया को देने के बाद दवाई दी जाती है, जो मरीज़ के शरीर को इस सर्जरी के अनुकूल बनाती हैं। ये दवाईयां मुख्य रूप से किसी भी तरह के जोखिमों की संभावना को कम करने का कार्य करती हैं। फिर डॉक्टर आपके पेट पर नाभि के नीचे चीरा लगाकर एक ट्यूब डालते हैं। इस ट्यूब की मदद से पेट में कार्बन डाइऑक्साइड गैस भरी जाती है, जिससे पेट फूल जाता है। गैस की मदद से डॉक्टर को पेट के अंगों को स्पष्ट रूप से देखने में मदद मिलती है।
इसके बाद ट्यूब के माध्यम से लेप्रोस्कोप डाला जाता है। डॉक्टर लेप्रोस्कोप के द्वारा कंप्यूटर पर दिखाई जाने वाली तस्वीर को देख कर बीमारी का इलाज करते हैं।
किसी भी शल्य प्रक्रिया की तरह, लेप्रोस्कोपी के भी कुछ जोखिम यानि साइड इफेक्ट्स हो सकते है, हालाँकि, यह जोखिम बहुत ही मामूली होते है, जैसे-
लेप्रोस्कोपी सर्जरी के लिए मेडिकवर फर्टिलटी एक अच्छा विकल्प है।
मेडीकवर फर्टिलिटी यूरोप के सर्वश्रेष्ठ फर्टिलिटी क्लीनिकों में से एक है। यहाँ के डॉक्टर सभी तरह के ट्रीटमेंट करने के लिए आधुनिक उपकरणों का इस्तेमाल करने में पूरी तरह से सक्षम हैं। मेडीकवर फर्टिलिटी ने आई वी एफ और लेप्रोस्कोपी सर्जरी के संयोग से बहुत सी महिलाओं के माँ बनने के सपने को पूरा किया है।
मेडीकवर फर्टिलिटी में आपकी जानकारी पूरी तरह गुप्त रखी जाती है। यदि आपको इस विषय से सबंधित कोई भी जानकारी चाहिए तो आप इस नंबर पर +917862800700 संपर्क कर सकते हैं।
हाँ, लेप्रोस्कोपी की मदद से गर्भाशय में किसी भी प्रकार के बांझपन के कारण का निदान व इलाज किया जा सकता है जिससे आई वी एफ की सफलता में वृद्धि होती है।
लेप्रोस्कोपी से फर्टिलिटी डॉक्टर एक महिला के गर्भधारण होने में बाधा करने वाले बांझपन के कारण का पता लगा सकते हैं। सबसे आम समस्याएं हैं एंडोमेट्रियोसिस, पैल्विक आसंजन, ओवेरियन सिस्ट और गर्भाशय फाइब्रॉएड।
भारत में लेप्रोस्कोपी की कीमत लागत ₹ 55 हज़ार से ₹ 1 लाख तक हो सकती है। इलाज की कीमत एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति के लिए अलग हो सकती है क्योंकि यह समस्या की गंभीरता और उपचार के प्रकार पर निर्भर करती है।