Bulky Uterus in Hindi | जानिए बच्चेदानी में सूजन का इलाज

आमतौर पर बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus in Hindi) के कारण महिलाओं को गर्भधारण करने में बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यह बांझपन के मुख्य कारणों में से एक है। महिलाओं के गर्भाशय का आकार बंद मुट्ठी या नाशपाती के बराबर होता है और प्रेगनेंसी के दौरान इसका आकार बहुत बढ़ जाता है। प्रेगनेंसी के अलावा सामान्य अवस्था में भी कई बार महिलाओं के गर्भाशय में सूजन आ जाती है। सामान्य अवस्था में गर्भाशय में सूजन के कई लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है।

  • बच्चेदानी में सूजन क्या है?
  • बच्चेदानी में सूजन के लक्षण
  • बच्चेदानी में सूजन के कारण
  • बच्चेदानी में सूजन का इलाज
  • बच्चेदानी में सूजन होने पर महिला गर्भधारण कैसे कर सकती है?
  • बच्चेदानी में सूजन होने पर गर्भधारण के लिए मेडिकवर फर्टिलिटी आपकी मदद कर सकता है।
  • क्या गर्भाशय में सूजन के कारण प्रेगनेंसी में समस्या होती है?
  • क्या गर्भाशय में सूजन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है?
  • भारी गर्भाशय फाइब्रॉएड क्या है?
  • गर्भाशय का सामान्य आकार क्या है?

बच्चेदानी में सूजन क्या है? (Bulky Uterus Kya Hota Hai in Hindi)

बच्चेदानी यानि गर्भाशय महिला प्रजनन का अंग है जो बच्चे के जन्म होने तक उसे रखने और पोषण करने के लिए जिम्मेदार होता है। भारी गर्भाशय जिसे अंग्रेजी में बल्की यूट्रस (Bulky Uterus Meaning in Hindi) कहते है, एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय का आकार सामान्य से बड़ा हो जाता है।

प्रेगनेंसी के समय इसका आकार बड़ा होना आम बात है, लेकिन सामान्य अवस्था में आकार बड़ा हो जाए तो यह समस्या की बात है। इस समस्या का समय पर इलाज ना किया जाए तो यह गंभीर हो सकता है और महिलाओं की फर्टिलिटी को प्रभावित कर सकता है।

बच्चेदानी में सूजन के लक्षण

सामान्य अवस्था में गर्भाशय में सूजन के कई लक्षण हो सकते हैं, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। कुछ मुख्य लक्षण है -

  • पीरियड्स का अनियमित हो जाना
  • पेल्विक हिस्से में ऐंठन और ब्लीडिंग
  • पैरों में सूजन और ऐंठन
  • पीठदर्द
  • मीनोपॉज़ के बाद भी ब्लीडिंग होना
  • बार-बार और जल्दी पेशाब आना
  • संभोग के दौरान दर्द
  • पेट के निचले हिस्से के आसपास वजन बढ़ना
  • मुँहासे
  • अत्यधिक बाल बढ़ना
  • कब्ज

बच्चेदानी में सूजन के कारण

ज़्यादातर महिलाओं में ज्यादा टाइट कपड़े पहनने, भूख से ज्यादा खाना खाने, शारीरिक मेहनत की कमी, कब्ज या गैस के कारण से बच्चेदानी में सूजन आना संभव है। इसके अलावा गर्भाशय के बढ़ जाने के कई कारण हो सकते है, जैसे -

  • फाइब्रॉइड : यह नॉन-कैंसर ट्यूमर होते हैं जो छोटी गांठ की तरह होते हैं। यह गर्भाशय के अंदर और बाहर बढ़ सकते हैं।
  • एडिनोमायोसिस : यह एक ऐसी स्थिति है जिसमें गर्भाशय की परत, जिसे एंडोमेट्रियम कहा जाता है, गर्भाशय में बढ़ने लगते है।
  • पीसीसोएस : यह बीमारी हार्मोनल असंतुलन के कारण होती है, जिसमें गर्भाशय में सिस्ट बन जाते है।
  • एंडोमेट्रियल कैंसर : गर्भाशय के कैंसर के कारण से भी गर्भाशय बड़ा हो सकता है।
  • मेनोपॉज़ : पीरियड्स बंद होने यानि मेनोपॉज़ के दौरान हॉर्मोन में बदलाव के कारण भी सूजन आ सकती है।
  • ओवेरियन सिस्ट : ओवरी में सिस्ट बनने के कारण से गर्भाशय में सूजन आ सकती है।

बच्चेदानी में सूजन का इलाज (Bulky Uterus Treatment in Hindi)

इसका इलाज सूजन के पीछे के कारण पर निर्भर करता है, जैसे -

फाइब्रॉइड के साथ बच्चेदानी में सूजन (Bulky Uterus with Fibroid Meaning in Hindi) के लिए डॉक्टर आपको गर्भनिरोधक गोलियां जिनमें एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन या आईयूडी का सुझाव दे सकते है। ये गोलियां फाइब्रॉएड के विकास को रोकने में मदद करती हैं और पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग को कम कर सकती हैं। गंभीर मामलों में लैप्रोस्कोपिक सर्जरी की जाती है।

एडेनोमायोसिस के कारण बच्चेदानी में सूजन की समस्या (Bulky Uterus Problem in Hindi) के लिए इबुप्रोफेन और हार्मोनल (एस्ट्रोजन-प्रोजेस्टेरोन) गर्भनिरोधक गोलियां एडेनोमायोसिस के कारण होने वाले दर्द और ज़्यादा ब्लीडिंग को रोकने में मदद कर सकती हैं। कुछ गंभीर मामलों में हिस्टेरेक्टॉमी का सुझाव दिया जा सकता है।

गर्भाशय और एंडोमेट्रियल कैंसर या ट्यूमर का कीमोथेरेपी, सर्जरी और दवाइयों से इलाज किया जाता है।

बच्चेदानी में सूजन होने पर महिला गर्भधारण कैसे कर सकती है?

यदि आपको गर्भाशय में सूजन की समस्या है और आप गर्भधारण के लिए प्रयास कर रही है, तो आपको एक गाइनेकोलॉजिस्ट या एक फर्टिलिटी डॉक्टर के पास जाना चाहिए। वह आपकी समस्या के आधार पर आपके लिए उचित उपचार का सुझाव देंगे। वह आपकी सूजन को ठीक करने के लिए आपको उपाय व् इलाज करने में आपकी मदद करेंगे। उसके बाद आप प्राकृतिक रूप व असिस्टेड रिप्रोडक्टिव तकनीक जैसे आईवीएफ और आईसीएसआई की मदद से गर्भधारण कर सकती है। ज़्यादा गंभीर मामलों में सरोगेसी की सलाह दी जा सकती है।

बच्चेदानी में सूजन होने पर गर्भधारण के लिए मेडिकवर फर्टिलिटी आपकी मदद कर सकता है।

मेडिकवर फर्टिलिटी एक अंतराष्ट्रीय फर्टिलिटी क्लिनिक हैं। यहाँ एडवांस्ड तकनीकों और उपकरणों के प्रयोग से जाँच की जाती है। मेडिकवर फर्टिलिटी ने अनगिनत निःसंतान दम्पत्तिओं के माता-पिता बनने का सपना पूरा हुआ है। यहाँ के फर्टिलिटी डॉक्टर और एम्ब्रियोलॉजिस्ट बहुत ही अनुभवी और उच्च सफलता दर के ट्रीटमेंट देने में पूरी तरह से सक्षम हैं।

मेडिकवर फर्टिलिटी में आर आई विटनेस (RI Witness) का प्रयोग किया जाता है। आई वी एफ लैब में होने वाली संभावित किसी भी प्रकार की गलतियों को रोकने में आरआई विटनेस से मदद मिलती है। इससे यह सुनिश्चित होता है की एम्ब्र्यो के लिए आपका ही सैंपल (एग और स्पर्म) का प्रयोग किया गया है। लोगों में आजकल इसके बारे में फिल्मों को देखने के बाद काफी जागरूकता बढ़ गई है। मेडिकवर फर्टिलटी में यह सुविधा पहले से ही उपलबध है, जिसका लाभ कई दम्पत्तियों को मिला है।

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Frequently Asked Questions

क्या गर्भाशय में सूजन के कारण प्रेगनेंसी में समस्या होती है? (Is bulky uterus a problem for pregnancy?)

गर्भाशय में सूजन के कारण महिला को गर्भधारण करने में समस्या हो सकती है। सूजन के कारण गर्भपात होने की संभावना बढ़ जाती है क्योंकि भ्रूण गर्भाशय में इम्प्लांट नहीं हो पाता है।

क्या गर्भाशय में सूजन वजन बढ़ने का कारण बन सकता है? (Does bulky uterus cause weight gain?)

फाइब्रॉएड के कारण महिला की बच्चेदानी में सूजन आ सकती है और इस कारण से पेट के निचले हिस्से पर वजन बढ़ सकता है।

भारी गर्भाशय फाइब्रॉएड क्या है? (What is bulky uterus fibroid?)

गर्भाशय फाइब्रॉएड नॉन-कैंसर ट्यूमर होते है जो छोटी गाठ की तरह दिखते हैं। ये फाइब्रॉएड मांसपेशियों और अन्य टिशुओं के समूह से बने होते हैं, और एक मटर के आकार से लेकर 5 से 6 इंच (12.7 से 15.24 सेंटीमीटर) तक बड़े होते हैं।

गर्भाशय का सामान्य आकार क्या है? (What is the normal size of uterus?)

गर्भाशय का आकार उलटे नाशपाती की तरह होता है और यह 3 से 4 इंच लम्बा और 2.5 इंच चौड़ा होता है।